●चीन से डॉ.चंद्रसेन की कलम से–
प्रोफ़ेसर,स्कालर और छात्रों से मिलना और चीन की शिक्षा व्यवस्था पर लम्बी बातचीत जारी है. भारत की बहुत सारी चीजें चीनियो को आश्चर्य में डाल देती हैं. जैसे यहाँ की जाति व्यवस्था. लेकिन उनकी दो चीजें मुझे चौकाने वाली लगी.भारत के अनुभव से मेरा उनसे सीधा सवाल था कि क्या चीन में भी छात्र आत्म हत्या करते हैं?
इस सवाल का जवाब चिनियो ने कुछ ऐसे दिया. बोले कि कुछ वर्ष पहले हमारे विश्वविद्यालय में एक छात्र की हत्या हो गयी थी. क्यों? हत्या करने वाला छात्र ने कबूल किया कि उसने दूसरे छात्र को इसलिए मार डाला था क्योंकि उसने उसके साथ भेद भाव किया था. है न ये एक दम उल्टा हमारे यहाँ से?चीन में भी प्राइवेट कलेज खुल रहें हैं. पूरी दुनिया में इन प्राइवेट स्कूल चलाने वालों ने शिक्षा को बाजार के हाथों बेच दिया है ?
इस प्रश्न के जवाब में एक प्रोफ़ेसर ने अपनी बात पर जोर डालते हुए बोला कि चीन में ये प्राइवेट शिक्षा दस वर्ष में मर जाएगी. क्यों? जवाब था चीन की पब्लिक शिक्षा व्यवस्था से प्राइवेट लोग लड़ नहीं सकते. इनको खत्म होना पड़ेगा. क्या बात है.