कुछ दिन पहले एक परिचित लेखक का फोन आया कि आप पासी समाज के लिए काम करते हो क्या आपको पता है कि हॉकी सम्राट मेजर ध्यान चन्द पासी समाज के थें ? मैंने कहा नही वो तो कुशवाहा जाति थे ,तो बोले नही झाँसी में तो लोग उन्हें राजपूत कहते है। उनकी कुछ रिश्तेदारी भी राजपूत परिवार में हुई है ।
मैंने कहा सर ,आपको यह जानकारी कैसे मिली कि वो पासी जाति थें तो बोले क्योकि उनके पिता जी इलाहाबाद के थें। बाद झांसी चले आये तो इधर पासी नही थे तो वें टाइटिल में सिंह लिखने बच्चे भी वही लिखने लगे ।
हालाकि ध्यान चन्द का जन्म इलाहाबाद में ही हुआ था। झाँसी में बहुत पासी अपनी जाति छुपा कर रहते हैं। मैंने कहाँ सर ,उनके पैतृक गांव की जानकारी दे तो पता करते है कि उनके पुरखे कौन थे ? बोले इसलिए तो आपको फोन किया कि आप पता कर बताओ कि क्या सही है ।
आज 29 अगस्त को उनका जन्मदिन आया तो सोंचा जाति कुछ भी रही हो मेजर साहब ने तो देश के लिए खेला है जन्मदिन पर दो शब्द लिखकर उन्हें याद कर लेते है ।
जानकारी इकठ्ठा किया तो पता चला कि उनकी जाति को लेकर राजपूत भी दावा ठोक रहे है। और कुशवाहा – मौर्य भी।
वही बीच मे तिवारी भी उन्हें बनाने का पूरा श्रेय लेना चाहते है। ख़ोज जारी है उम्मीद है कि जल्द ही सच सामने आ जायेगा ।