कई बार मन मे शंका उतपन्न हो रही थी कि जितने बाबा अनैतिक कार्यो में पकड़े जा रहे है अधिकांश गैर ब्राह्मण क्यों है। क्या इन पर किसी ब्राह्मणवादी संगठनों की नजर है ? कहीं इन सबके पीछे आरएसएस का षणयंत्र तो नही ? शुद्ध ब्राह्मणों को शंकराचार्य बनाने की ब्यवस्था में गैर ब्राह्मण बाबाओं की बढ़ती ताक़त से हिंदूवादी संघठनो की यह चाल तो नही ? फिर ख्याल आया कानून का जो इन्हें दोषी ठहरा रहा है।
व्हाट्सप आन किया तो यह मैसेज एक ब्राह्मण शक्ति पीठ द्वरा आया तो थोड़ा लगा कि हम सही दिशा में सोंच रहे थे मामला कुछ ऐसा ही समझ मे आ रहा है लेकिन क्या करियेगा कानून के हिसाब से इन बाबाओं से अपराध करवा लिया जाता है।
पढ़िए मैसेज में क्या लिखा है —
जरा सोचिये ! ब्राह्मण केवल धार्मिक कर्म कांड ही करवाता है जबकि ब्राह्मण के अतिरिक्त अधिकांश अन्य जातियों के लोग बाबा बनकर हिन्दू धर्म की जड़ों को खोखला कर रहे है। दिन प्रति दिन संत के रूप में ऐसे लोगों के कारण के देश में हिन्दू धर्म को क्षति पहुँच रही है। मैं कुछ धार्मिक संगठनों के संस्थापकों /वर्तमान गद्दी के मालिक के नाम दे रहा हूँ जो ब्राह्मण नहीं है फिर भी बाबा बनकर धर्म को चोट पहुँचा रहे है। बदनाम ब्राह्मण है:-
1> #डेरासच्चासौदा इसके गद्दी धारक सन्त #गुरमीतरामरहीम_इंशा जो कि सिद्दू मूल के पंजाबी जाट जाति से है।
2> #संत_रामपाल संत रामपाल एक धूर्त किस्म का व्यक्ति है जिस कबीर ने अवतार वाद का खंडन किया उसी कबीर का अवतार ये खुद को बता रहा है। ये भी जाट जाति से है।
3> #आशाराम इनका पूरा नाम #आसुमल_सिरुमलानी है ये पाकिस्तान के सिंध प्रांत के शरणार्थी है। ये भी सिंधी जाति से है।
4> #ब्रह्मकुमारीईश्वरीय इसके संस्थापक #सिंधीलेखराज_कृपलानी थे। ये संस्था भी विवादों के घेरे में रही।
5> #थर्डआईऑफ़निर्मलबाबा इस संस्था के संस्थापक #निर्मलजीतसिंहनरूला है। जो पंजाबी यानि सिख जाति से आते है। महान ठग जिस पर 4 शहरों में मुकदमे लिखे गए है।
6> #राधेमां #सुखविंदरकौर जो खुद को देवी का अवतार घोषित किये है। सिख सम्प्रदाय से है। इन मोहतरमा पर कई मुकदमे विभिन्न स्थानों पर चल रहे है।