मनुष्य का इस धरती का इतिहास देखें तो चक्र ( पहिया)की खोज ने मानव जीवन के आधुनिक युग की शुरुआत की । इस चक्र ने अनेक संस्कृति और धर्मों ने अपने हिसाब से उपयोग किया ।
बौद्ध संस्कृति ने चक्र का इस्तेमाल शांति के लिए किया और युद्ध संस्कृति ने चक्र का इस्तेमाल युद्ध के लिए किया।बौद्ध ने चक्र का उपयोग शांति के लिए और पूरी दुनिया में शांति का संदेश किया ।
मशहूर भाषा वैज्ञानिक राजेंद्र प्रसाद सिंग लिखते है
“डाॅ. एम.एन. बसु ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ” माडर्न बुद्धिज्म ” में बताया है कि शंख और कुछ नहीं बल्कि संघ का प्रतीक रूपांतरण है।
संघ ( सड़्घ ) का रूपांतरण शंख ( सड़्ख ) है, ये तो बसु ही बताएंगे, मगर धम्म चक्क का रूपांतरण सुदर्शन चक्र है, ये भाषार्थ साबित करता है।
धम्म का मतलब क्या – अच्छा दर्शन, अच्छी फिलासफी और सुदर्शन का मतलब क्या – अच्छा दर्शन, अच्छी फिलासफी।
इसलिए भाषार्थ की दृष्टि से धम्म चक्क का रूपांतरण सुदर्शन चक्र है !!!”
बौद्ध का चक्र आज भी दुनिया में प्रचलित है हमारे देश में , अशोक ने इसी धम्म चक्र का उपयोग कर दुनिया में शांति का संदेश दिया था ।