यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है यह जानने के लिए मूडीज क्या है ? और रेटिंग क्यों घटाई गई ? और इससे भारत के लिए क्या घातक नतीजे आयगें ?
वैसे इसकी महत्वता आप ऐसे भी समझ सकते है की इतनी महत्वपूर्ण खबर भारत के अख़बारों और मीडिया से क्यों ग़ायब है ।
मूडीज विश्व की एक प्रसिद्ध इन्वेस्टिंग एंड फ़ायनांस अनालिसिस कम्पनी है । 100 साल से ज़्यादा पुरानी यह कम्पनी देश की मौजूदा और भविष्य की आर्थिक हालत के अनुसार रेटिंग देते है ।
मूडीज़ इन्वेस्टर्स सर्विस (“मूडीज़”) ने भारत सरकार की विदेशी मुद्रा और स्थानीय-मुद्रा दीर्घकालिक जारीकर्ता रेटिंग को “Baa2” से “Baa3″कर दी है ।
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 22 साल बाद पहली बार भारत की रेटिंग कम करते हुए BAA3 कर दी है।यह सबसे निम्न रेटिंग अंक होती है। इसके नीचे की श्रेणी को आप डस्टबिन रेटिंग कह सकते हैं।
मूडीज ने यह फैसला लेने के चार मुख्य कारण बताए हैं।
- 2017 से आर्थिक सुधारों का कमजोर कार्यान्वयन
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एक निरंतर अवधि में अपेक्षाकृत कम आर्थिक विकास
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सरकारों (केंद्र और राज्य) की राजकोषीय स्थिति में भारी गिरावट
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और भारत के वित्तीय क्षेत्र में बढ़ता तनाव
इसके अलावा मूडीज का कहना है की भारत के पॉलिसी मेकर से आशा थी की वह भारत की अर्थ वयस्था को मजबूत बनाएँगे पर ऐसा नहीं हुआ । साल 2017 में मूडीज ने भारत की रेटिंग अपग्रेड लेके BAA2 किया था पर भारत की स्थिति लगातार ख़राब हो रही है ।आज के समय में भी भारत इन्वेस्टमेंट के हिसाब से बेहतर देश नहीं है । इसलिए रेटिंग कम कर दी है ।
इससे भारत पर क्या असर पड़ेगा ?
फारेन इन्वेस्टमेंट(विदेशी निवेश) बढ़ने की संभावना नहीं है।हम जो बार बार यह कह रहे हैं कि छः सौ कंपनियां चीन छोड़कर भारत आयेगी , मुश्किल होगी।
⁃ हमारे देश के बिजनेसमैन जब विदेशों में व्यापार बढ़ाने की कोशिश करेंगे तो दूसरे देश हमारी सरकार की गारंटी पर शक करेंगे।
⁃ भारत सरकार और भारत की कम्पनीज़ को निवेश लेना ना सिर्फ़ महँगा पड़ेगा बल्कि निवेश मिलने में मुश्किल बाई होगी ,क्योंकि भारत में निवेश करने में रिस्क ज़्यादा होगा।
⁃ सरकार ने पिछले बजट में की गई घोषणाओं पर खर्च करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।यह भविष्य में और आर्थिक स्थिति खराब होने का संकेत है।
⁃ जब रेटिंग अच्छी होती है तो विदेशी कम्पनीज़ भारत में निवेश करती है बिज़नेस सेटअप करती है जिससे भारत सरकार को और यहाँ के लोगों को फ़ायदा होता है
⁃ भारतीय कोंपनीज विदेशों में जा कर बिज़नेस सेटप करते है , विदेशी कम्पनीज़ के साथ पार्ट्नर्शिप करते है क्योंकि भारत पर भरोसा होता है । ऐन अब ऐसा नहीं होगा ।
हालाँकि कोरोना महामारी का इस रेटिंग डाउन करने में कोई कारण नहीं बताया है पर मूडीज का मानना है की भविष्य में इसका भारत की अर्थवयस्था पर गहरा असर पड़ेगा इस बात का ध्यान रखा गया है ।
हमारे देश में तब लाक डाउन शुरू किया गया जब कोरोनावायरस से संक्रमित रोगियों की संख्या मात्र 550 थी।यह लाक डाउन संक्रमण को तो रोकने में असफल हुआ ही साथ ही साथ देश भर के प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा हुई और अर्थव्यवस्था चौपट हो गई।
भविष्य में देश को पटरी पर लाना एक बड़ी चुनौती है।