
मुम्बई: आज दुनिया कोरोना महामारी से पीड़ित है । इस बीमारी ने आज से 100 साल पहले आई बीमारी स्पेनिश फ्लू की याद दिला दी है ।स्पेनिश फ्लू H1 वाइरस था ।
इस वायरस ने उस समय पूरी दुनिया मे तकरीबन 50 करोड़ लोगों को इन्फेक्ट किया था । यह उस समय की दुनिए की आबादी का एक तिहाई था । इस बीमारी ने तकिरबन 5 करोड़ जाने ली थी पूरी दुनिया मे ।
यह वायरस साल 1918 में शुरू हुआ था और 1919 में खत्म हुआ था । इस बीच इसने पूरी दुनिया में आजकी तरह ही कहर बरपाया था ।
100 पहले आई स्पेनिश फ्लू और कोरोना में काफी समानताएं है ।आइये देखते है उन समानताओं को –
1) स्पेनिश फ्लू के बारे में भी कभी पता नही चला कि यह बीमारी पैदा कैसे हुई । कोरोना के बारे में भी अभी तक कंफर्म नही हुआ है कि यह फैला कैसे ?।

2) स्पेनिश फ्लू के लक्षण भी सर्दी ,खांसी ,बुखार और गले मे दर्द था
3) स्पेनिश फ्लू भी कोरोना की तरह छूने के बाद मुँह या नाक में हाथ जाने पर इंसान इन्फेक्टेड हो जाता था
4) स्पेनिश फ्लू भी उम्र दराज और बच्चों पर ज्यादा घातक साबित हुआ था।
5) कोरोना की तरह ही डायबिटीज ,हार्ट पेशंट, प्रेग्नेंट और जिनके इम्मयून सिस्टम कमजोर थे उनकी डेथ रेट बहुत ज्यादा थी ।
6) उस समय भी बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी नही थी तो आज की तरह डॉक्टर सर्दी, बुखार या सिम्पटम् के हिसाब से इलाज कर रहे थे और लोग ठीक भी हो रहे थे ।
7) उस समय भी कई देशों में लॉक डाउन हुआ था ,पब्लिक प्लेस ,होटल ,रेस्टोरेंट ,सिनेमा घर बंद कर दिए गए थे ।डिस्टसनिंग ,मास्क लगाना, हाथ ना मिलाना बिलकुल आज की तरह ही महौल था ।
8) दुनिया की अर्थ व्यस्था तबाह हो गई थी
9) अमेरिका और यूरोप सबसे ज़्यादा प्रभावित देश थे उस समय भी ।
10) बेहद हैरत की बात है कि चाइना उस समय भी इस बीमारी से सबसे कम प्रभावित देश थे
इस बीमारी ने भारत को भी बुरी तरह प्रभावित किया था। तकरीबन डेढ़ करोड़ मौत भारत मे हुई थी जो उस समय की आबादी के हिसाबसे 5℅के आसपास थी टोटल आबादी का ।
उस समय बीमारी का इलाज नही निकला था वैक्सीन की सुविधा नही थी।
पर आश्चर्य जनक रूप से साल 1918 में शुरू हुआ यह वायरस आखिरकार 1919 के मध्य तक खत्म हो गया ।क्योंकि जो इससे इन्फेक्ट हुए थे या तो उनकी मौत हो गई या फिर उन्होनो बीमारी से लड़ने के लिए इमुंस सिस्टम डेवेलोप कर लिया ।

कोरोना भी स्पेनिश फ्लू की तरह खतरनाक है परन्तु आज आधुनकि समय में दुनिया ने काफी तरक्की कर ली है ।मेडिकल साइंस ने काफी तरक्की कर ली है ।आज दुनिया की बड़ी आबादी को अच्छी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध है ।यही कारण है कि कोरोना में डेथ रेट काफी कम है और अधिकतर।लोगो को ठीक कर दिया जा रहा है ।इसलिए कोरोना कभी भी उतना नुकसान नही कर पायेगा जितना कि स्पेनिश फ्लू ने किया था । जल्द ही इसकी वैक्सीन या इलाज खोज लिया जाएगा और दुनिया को कोरोना से मुक्ति मिल जाएगी ।