प्रतापगढ़ : मृत्यु भोज एक समाजिक बुराई है पिछले कुछ समय से इसका विरोध काफ़ी तेज़ हुआ है। गाँवो तक लोग जगरूक हो रहें है और इसका विरोध करना शुरू कर दिए है ।
ऐसे ही ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने राम समुझ पासी जी ।
सुनिए ऐतिहासिक क्षण उन्ही की ज़बानी !
हमारे परिवार के चाचा जी का देहांत हुआ।
उनके एकमात्र सुपुत्र सुग्रीव सरोज जी साहसिक कदम उठाते हुए यह निर्णय लिया कि अब से मैं मृत्यु भोज का बहिष्कार करता हूं।
ना तो मृत्यु भोज खाऊंगा और ना ही मृत्यु भोज खिलाऊंगा।
इस निर्णय का समर्थन करने और आत्मबल देने मुझे बुलाया।
इस बात का गवाह बनने मुझे गांव जाना पड़ा।
कल 13/10/2019 को आयोजित इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में हमने अपना हर सम्भव सहयोग दिया।

कार्यक्रम का विरोध रिश्तेदार और समाज के कुछ लोगों ने किया,,जिसका गांव के सवर्णो ने साथ दिया।
पर सुग्रीव जी की पत्नी और बच्चों ने उनपर पूरा भरोषा रखा।
घर परिवार समाज का उलाहना झेलते हुए,इन्होंने मेरे सानिध्य में प्रोग्राम आयोजित किया,जिसे सफलता पूर्वक हमने संम्पन कराने की जिम्मेदारी पूर्ण की।
इस सभा मे उपस्थित गांव और रिश्तेदार और समाज के लोगों ने कार्यक्रम संम्पन्न होने पर पर सार्थक प्रतिक्रिया दी,,,,,बुजुर्गों ने जो इस सभा के अंत मे कहा,,,,हमारे जाने के बाद आप लोग ऐसे ही कार्यक्रम कर लेना यही हमारी उपलव्धि रही।
इसके साथ संलग्न फोटो और वीडियो हम आप सब को जानकारी हेतू प्रेषित करते हैं।
इस प्रोग्राम की दूसरी उपलव्धि यह रही कि कर्मकांड ना करके इन्होंने समाज के लिए 25000/- रुपये दान दिए हैं।
जो हमने गांव में समाज के बेहतरी के लिए उपभोग करने का सुझाव दिया।
इसी कार्यक्रम में हमने समाज जागृत करने के लिए बहुजन महापुरुषों द्वारा लिखित पुस्तकों का वितरण किया,,,जिससे बहुजन विचारधारा की फैलाव हो।
इस सभा मे हमने संविधान का वितरण करके इसे रामायण की तरह आयोजित करके वाचन करने का सुझाव दिया,,जिसे उपस्थित लोगों ने समर्थन दिया।
इस ऐतिहासिक क्षण का समाज मे प्रचार प्रसार हो,,,जिससे और लोगों को इसपर चलने का बल मिल सके
आप सब का साथी
आर एम पासी
श्रीरामसमुझ सरोज
गांव,,,विषई त्रिलोकपुर
पोस्ट,, गौर डांड
जिला,,प्रतापगढ़
राम समुझ जी मुंबई में महत्वपूर्ण पद पर कार्य करते है और समाज सेवक है । समाजिक जागरुकता अभियान से काफ़ी समय से जुड़े है मुंबई के साथ साथ गाँव प्रतापगढ़ में भी यह अभियान को आगे बढ़ाने में जुटे हुए है ।
ऐसे कार्यों और लोगों की इस दिशा में कार्य करने की बहुत ज़रूरत है ।