भाजपा/ मोदी वाले साथियों को बधाई सीबीएसई की परीक्षा में एससी/एसटी पर शुल्क 24 गुना बढ़ा दिया है। आप लोग बधाई के पात्र तो है ही इतने सारे कार्य हो रहे है ! ख़ुश तो होंगे ही आप लोग ।
ख़ुश तो आप लोग तब भी थे ,जब केंद्र सरकार की भर्तियों में एससी/एसटी से शुल्क लिया जाने लगा तो आप चुप थे क्योंकि आप भाजपा समर्थक है और आपके पास पैसों की कमी नही थी ।
ख़ुश तब भी थे जब केंद्र की प्रतियोगी परीक्षाओं में एससी/एसटी की निःशुल्क यात्रा खत्म कर दी । आप तब भी चुप थे क्योंकि आपके पास तब भी पैसों की कोई कमी नही थी ।
ख़ुश आप तब भी थे ,जब 13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम लागू कर दिया जाता है आप बात से दुखी नहि होते की इससे आपके बच्चे अब प्रोफेसर नही बन पाएंगे ।क्योंकि सरकार तो आपकी है विरोध कैसे करेंगे ।
ख़ुश आप तब भी थे जब जब सरकारी संस्थानों का निजीकरण कर दिया जाता है क्योंकि वहाँ भी फ़ायदा बता दिया जाता है । ऐसे बहुत से कार्य हुए है जिनसे देश की ८५% जनता का नुक़सान हो रहा है फिर भी आप ख़ुश होंगे क्योंकि हर कार्य के फ़ायदे आपको गिना दिए जाते है ।
आज तब भी आप खुश हैं जब CBSE की फ़ीस बढ़ा दी गई है क्योंकि आपको लगता है इससे मुफ्तखोरी पर लगाम लगेगी क्योंकि ये फीस भरने के लिए अब भी आपके पास पैसे हैं ।
क्योंकि आप इस नज़रिए से नहि देखेंगे की फ़ीस 24 गुना बढ़ा दी है बल्कि ऐसे देखेंगे की अभी भी SC/ST के लोग जनरल से 300 रुपए कम फ़ीस भरेंगे ,और यह देश में अन्याय है असमानता को बढ़ावा देता है । समानता को बढ़ावा देने के लिए सबकी फ़ीस समान रहनी चाहिए ।
बाक़ी भारत देश से विकास शील होने का तमग़ा छिन ही गया है बेरोज़गारी सबसे उच्च स्तर पर है, तो बहुत बहुत बधाई भाजपा वाले साथियों को शायद इसी दिन के लिए चुना गया था भाजपा / मोदी को । तो ख़ुश तो होंगे ही । और जब जनता को ही नहि पड़ी तो हमारे संसद में चुने हुए 131 प्रतिनिधियों क्या ग़लती है ?
ख़ैर हम लोगों का क्या है पहले दिन से ही विरोध कर रहे है जगरूक करने की कोशिश कर रहे है करते रहेंगे ।क्योंकि जब तक आपका इंतज़ार करेंगे की आपको भी समझ आए तक तक बहुत देर हो जाएगी ।इसलिए हमारे जैसे लाखों करोड़ों लोगों की कोशिश जारी रहेगी ।
वैसे एक बात ज़रूर कहना चाहूँगा हम वोट किसी को भी करे , समर्थन किसी भी पार्टी का करे पर हमारे अंदर इतनी जागरुकता और हिम्मत तो रहनी चाहिए की ग़लत को ग़लत कह सके । भले ही हमारी पार्टी हमारे नेता हो ग़लत होने पर हम कह सके की यह चीज़ ग़लत है । पर आज इसी चीज़ की कमी है हमारे लोग भक्त बनते जा रहे है ग़लत को ग़लत कहने की बजाय उसे सही ठहराने की कोशिश करने लगते है ।
राजेश पासी, मुम्बई
संपर्क – 9221993017