
फिल्म आर्टिकल 15 के कुछ संवादों को लेकर पासी समाज में भारी रोष है पासी समाज को लेकर फिल्म में कुछ ऐसे संवाद दिखाए गए है जो आधारहीन है और बिना किसी तथ्यों के है । अडवोकेट शिव पासी , अतुल सरोज ,राकेश सरोज और थाना शाखा अध्यक्ष चंदन पासी समाज के लोगो का कहना है की इन संवादों को फिल्म से हटाना चाहिए । इन संवादों से पासी समाज की गलत छवि समाज में जा रही है जिससे पासी समाज अपमानित महसूस कर रहा है । अगर इन संवादों को हटा लिया जाता है तो समाज को फिल्म से कोई विरोध नहीं है ।
अगर नहीं हटाया जाता है तो पासी समाज इसके लिए आंदोलन करेगा । इसकी शुरुआत हो चुकी है उत्तर प्रदेश , पंजाब , दिल्ली , मध्यप्रदेश में लोगो ने विरोध शुरू कर दिया है अब अगला कदम है फिल्म और निर्माता -निर्देशक पर कानूनी कारवाही करना I
मुंबई में १६ जुलाई को ठाणे असिस्टेंट कमिश्नर को एडवोकेट शिव पासी ने अपने अधिवक्ता साथियो के साथ अखिल भारतीय पासी विकास मंडल की तरफ से कम्प्लेन दर्ज करा दी है । असिस्टेंट कमिशनर ने कहा है की जल्द ही मुंबई में निर्माता अभिनव सिन्हा पर FIR दर्ज हो जाएगी । एडवोकेट शिव पासी जी का कहना है ” हमारा विरोध फिल्म को लेकर नहीं है बल्कि इस फिल्म के कुछ अप्पतिजनक शब्दों को लेकर है जो पासी समाज के खिलाफ बोलै गया है जिसका दुष्परिणाम भविष्य में आनेवाली पीढ़ियों के रोजगार और शिक्षा पर पड़ेगा . इस फिल्म को लोग जब जब देखेंगे तब तब हमारे समाज को एक हींन भावना देखंगे इस लिए इस आपत्ति जनक शब्द को फिल्म से तुरंत से तुरंत हटाया जाय”
दिल्ली से एक्टिविस्ट चन्द्रसेन विमल जल्द ही अपने साथियो के साथ FIR दर्ज करवाएंगे । चन्द्रसेन विमल ने वह सारे तथ्य और किताबो के अंश इकट्ठा कर लिए है जो फिल्म में पासी समाज के लिए किये गए संवादों को गलत साबित करते है । यह तथ्य यह बताते है की अनुभव सिन्हा ने पासी समाज के बारे में जो संवाद दिखाए है या तो गलत जानकारी के आधार पर दिखाए है या फिर जानबूझकर दो समाज के बीच मतभेद बढ़ाने के लिए दिखाए है ।
सिर्फ मुंबई और दिल्ली ही नहीं इलाहबाद , लखनऊ सहित देश के कई स्थानों से FIR जल्द ही दर्ज हो जाएगी.पासी समाज के बहुत से बुध्जीवी , सामजिक कार्यकर्ता इस आंदोलन में एक साथ है ।
पासी समाज का मानना है की फिल्म यह संवाद किसी साजिश की तरफ इशारा करते है क्यंकि पासी समाज की उत्तर भारत में सामजिक और राजनितिक हैसियत बढ़ती जा रही है इसीलिए फिल्म में जबरजस्ती पासी समाज से रिलेटेड यह संवाद दिखाए गए है । जबकि जिन घटनाओ के आधार पर यह फिल्म बनाई गई है उस घटना से पासी समाज का कोई रिलेशन ही नहीं था ना पीड़ित की तरफ से न अपराध करने वालो की तरफ से फिर ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी की फिल्म में पासी समाज से जुड़े ऐसे संवाद दिखाए गए जो न सही है न ही फिल्म की जरूरत.
पासी समाज का कहना है की हमारा विरोध इसलिए नहीं है की किसी को छोटा या बड़ा दिखया गया है,बल्कि विरोध इसलिए है की गलत तथ्यों का उपयोग करके फिल्म में बहुजन समाज की दो महत्वूर्ण जातियों को आपस में मतभेद फ़ैलाने का कार्य किया गया है । उनकी मांग है की फिल्म से इन संवादों को जल्दी से जल्दी हटा दिया जाय फिल्म अभी सिनेमा घर में है कल या TV पर भी पहुचंगी लोगो में किसी भी समाज के खिलाफ गलत सन्देश ना जाए इस लिए इन संवादों को हटा लेना चाहिए।