●200 पॉइंट रोस्टर की बहाली के लिये आइसा ने किया प्रदेशव्यापी प्रतिवाद
आज पूरे प्रदेश के तमाम छात्र संगठनों और लोकतांत्रिक ताकतों द्वारा आयोजित प्रतिवाद को आइसा ने अपना समर्थन दिया और बड़ी संख्या में उसमें भागीदारी भी की।
इस मौके पर आइसा के राज्य सचिव शिवा रजवार ने कहा कि,”आज जब सत्तापक्ष पूरे देश को युद्धोन्माद में धकेलने की कोशिश कर रहा है और उसकी आड़ में तमाम मुख्य मुद्दों शिक्षा, रोजगार और मुखयतः सामाजिक न्याय को बेवाजिब बनाने की साजिश रच रहा है; तब चाहे वो 13 पॉइंट रोस्टर का मामला हो, आदिवासियों से जमीन छीनने का मामला हो,चाहे राफेल घोटाले की बात हो, चाहे सैनिकों की शहादत पर सियासी रोटियां सेंकने का मामला हो सब पर इस सरकार को घेरने की कोशिश होनी चाहिए और देश का युवा इस जिम्मेदारी को बख़ूबी निभा रहा है। जब तक ये गैर लोकतांत्रिक 13 पॉइंट रोस्टर वापस नही होता तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।”
आइसा के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश पासवान ने कहा कि,”वर्तमान दौर में जब एक ओर लाखों आदिवासियों को उनकी जमीनों से बेदखल किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ 13 पॉइंट रोस्टर के जरिये तमाम शैक्षणिक संस्थाओं में दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के प्रवेश को बाधित किया जा रहा है। इसके अलावा 10 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन किया जा रहा है। तब इस दौर में छात्र-युवाओं का ये दायित्व बनता है कि इन हमलों के खिलाफ सड़कों पर उतरकर सत्ता को यह बता दे कि ये देश संविधान से चलेगा न कि मनु के कोड से। ”
13 पॉइंट रोस्टर को अलोकतांत्रिक बताते हुए आइसा के राज्य सह-सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि,”अगर 200 पॉइंट रोस्टर की बहाली के लिये सरकार अध्यादेश नहीं लाती है तो ये 13 पॉइंट रोस्टर भाजपा के ताबूत में कील का काम करेगा।”
प्रदेश में मुख्य रूप से लखनऊ, इलाहाबाद, लखीमपुर, बनारस आदि जिलों सहित कई स्थानों पर लोकतांत्रिक ताकतों के साथ मिलकर प्रतिवाद आयोजित किये गए।
आइसा ये मांग किया है कि सरकार जल्द से जल्द 200 पॉइंट रोस्टर को लागू करने के लिए अध्यादेश लेकर आये। साथ ही साथ आदिवासियों की जमीनों को बचाने के लिए भी फौरन कदम उठाए।