पकड़ें गए पायलट पर पाकिस्तान सरकार क्या कर सकती है ?

आज भारतीय सीमा क्षेत्र में पाकिस्तान लड़ाकू विमानों ने घुसपैठ की. जवाबी कार्रवाई में भारत ने एक पाकिस्तानी फाइटर जेट को मार गिराया. लेकिन इस दौरान भारत के एक फाइटर प्लेन पर पाकिस्तान ने अटैक किया. पाकिस्तान ने दावा किया है कि भारत का एक पायलट उनके कब्जे में है. भारत सरकार ने एक पायलट के लापता होने की बात स्वीकार की है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि भारत की एयरस्ट्राइक के जवाब में पाकिस्तान ने एक्शन लिया. इसके बाद भारत ने उनके लड़ाकू विमान को मार गिराया. हालांकि, इस कार्रवाई में भारत का एक मिग विमान ध्वस्त हो गया है और हमारा एक पायलट लापता है. इसकी जांच की जा रही है.

ऐसे में हम बताने जा रहे हैं, क्या हैं युद्ध बंदियों के लिए नियम. अंतरराष्ट्रीय जिनेवा संधि में युद्धबंदियों को लेकर नियम बनाए गए हैं. इसके तहत युद्धबंदियों को डराने-धमकाने का काम या उनका अपमान नहीं किया जा सकता. युद्धबंदियों को लेकर जनता में उत्सुकता पैदा भी नहीं करना है.

पत्रकार डॉ.अजय प्रकाश सरोज ने ट्वीट करके पाकिस्तान की सरकार को जिनेवा सन्धि की याद दिलाई और उम्मीद की हैं सन्धि का अनुपालन होगा।

जिनेवा संधि के मुताबिक, युद्धबंदियों पर या तो मुकदमा चलाया जाएगा या फिर युद्ध के बाद उन्हें लौटा दिया जाएगा. पकड़े जाने पर युद्धबंदियों को अपना नाम, सैन्य पद और नंबर बताने का प्रावधान किया गया है.

हालांकि, दुनिया के कुछ देशों ने जिनेवा संधि का उल्लंघन भी किया है. जिनेवा संधि का आमतौर पर मतलब दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1949 में तैयार किए गई संधियों और नियमों से है. इसका मुख्य मकसद युद्ध के वक्त इंसानी मूल्यों को बनाए रखने के लिए कानून तैयार करना था.

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