आज दोपहर कश्मीर के पुलवामा में एक कायराना आतंकवादी हमले में सी आर पी एफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए। जिससे पूरे देश व दुनिया में गुस्से व गम का माहौल हैं। इस हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली हैं।
शहीद जवानों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही हैं। उरी में सितंबर 2016 में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर में यह सुरक्षाबलों पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला हैं। गुरुवार को श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर स्थित अवंतिपोरा इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ के एक काफिले को निशाना बनाया। इस हमले के बाद दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अलर्ट जारी किया गया हैं।
जैश आतंकी आदिल ने रची साजिश
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली हैं। बताया जा रहा हैं,कि आदिल अहमद डार नाम के आतंकी ने इस काफिले पर हमले की साजिश रची थी। जम्मू-कश्मीर सरकार के सलाहकार के विजय कुमार ने समाचार एजेंसी को बताया कि पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों की संख्या 40 तक पहुंच गई हैं।
आदिल पुलवामा के काकापोरा इलाके का रहने वाला हैं। सीआरपीएफ की 54वीं बटैलियन के जवानों को इस हमले में आतंकियों ने निशाना बनाया। हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ के अनुसार, गुरुवार शाम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों पर अवंतिपोरा के गरीपोरा के पास हमला किया गया।
विस्फोटकों से लदी गाड़ी से मारी टक्कर
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी लेकर आए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल ने सीआरपीएफ जवानों के काफिले की बस में टक्कर मार दी। बताया जा रहा हैं,कि काफिले की जिस बस को आतंकियों ने निशाना बनाया, उसमें 39 जवान सवार थे। आत्मघाती हमलावर आदिल 2018 में जैश में शामिल हुआ था। हमले के बाद जवानों को तुरंत श्रीनगर के हॉस्पिटल में शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया।
सीआरपीएफ के काफिले में 70 गाड़ियां
बताया जा रहा हैं,कि हमले में घायल 20 से ज्यादा जवानों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा हैं।इनमें से कई जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही हैं। जिस काफिले पर यह हमला हुआ, वह जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था और इसमें 2 हजार से अधिक जवान शामिल थे। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीआरपीएफ के जिस काफिले पर हमला किया गया, उसमें 70 वाहन शामिल थे। इन्हीं में से एक गाड़ी आतंकियों के निशाने पर थी। सीआरपीएफ जवानों का काफिला जम्मू से श्रीनगर आ रहा था। हमले के बारे में सीआरपीएफ के आईजी जुल्फिकार हसन ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस जांच कर रही है। घायल जवानों को अस्पताल शिफ्ट किया गया हैं, और विस्फोट स्थल पर छानबीन की जा रही हैं।
दक्षिण कश्मीर में अलर्ट, सर्च ऑपरेशन जारी
इस हमले की जानकारी मिलने के बाद तत्काल पुलवामा में मौजूद सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की अन्य कंपनियों को अवंतिपोरा भेजा गया। आतंकी वारदात के बाद सेना ने फिलहाल जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर ट्रैफिक बंद करते हुए अवंतिपोरा और आसपास के इलाकों में बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया हैं। इसके अलावा पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और श्रीनगर जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया हैं। हमले में घायल जवानों का इलाज लगातार जारी हैं,और एजेंसियों के अधिकारी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
पहले भी आतंकी निशाने पर आए थे जवान
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर गुरुवार को हुआ यह हमला आतंकी हमले की पहली वारदात नहीं हैं। एक साल पहले 15 फरवरी 2018 को भी आतंकियों ने पुलवामा के पंजगाम स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक कैंप पर हमला किया था। इस वारदात के दौरान आतंकियों ने सीआरपीएफ के शिविर पर हमला कर कैंप में घुसने की कोशिश की थी, लेकिन जवानों की सतर्कता के कारण कामयाब नहीं हो सके।
रिपोर्ट: नेहा सिंह
मन स्तब्ध है, दुखी है, देश के 42 जवानों की सहादत से । आखिर कब तक देश इन कायराना हरकतों पर सिर्फ श्रदांजलि देते रहेंगे ? अब वक्त आ गया है …
देश बदला ले ।। उन जाबांजो को सत सत नमन व् श्रदांजलि ।।
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लाख बार सर झुकाउंगा उनकी सहादत में
जो सहीद हो गए हमारे हिफाज़त में ।।
कश्मीर में शहीद नौजवानों को श्रदांजलि ।।
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