कुंभ की वैश्विक पहचान बढ़ाने को योगी सरकार ने किए बड़े इंतजाम

●कुंभ एक नज़र में जानिएं कुम्भ क्यों हैं विशिष्ट ?

प्रयागराज । आस्था और विश्वास का सबसे बड़ा पर्व कुम्भ इस बार कुंभ 15 जनवरी यानि मकर संक्रान्ति से शुरू हो चुका हैं, सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन 4 मार्च को महा शिवरात्री तक चलेगा। पहला शाही स्नान 15 जनवरी को हो चुका है । पूरे 50 दिनों तक चलने वाला यह आयोजन प्रयागराज में हो रहा हैं। कुम्भ का शाब्दिक अर्थ है कलश हैं,और इसका सम्बन्ध अमृत कलश से हैं, हिन्दू धर्म में मान्‍यता हैं,कि किसी भी कुंभ के दौरान पवित्र नदी में स्‍नान या तीन डुबकी लगाने से सभी तरह के पाप धुल जाते हैं, और मनुष्‍य को मोक्ष की प्राप्‍ति होती हैं।

साल 2019 में 4 फरवरी से 4 मार्च तक प्रयाग मे अर्धकुंभ लग रहा हैं।जिसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पहले अर्धकुंभ नहीं कुंभ नाम दे चुके हैं। इसकी वजह यह हैं,कि सरकार इस अर्धकुंभ को बडे़ पैमाने पर आयोजित करने की तैयारी में जुटी हैं। सरकार का प्रयास हैं,कि इस बार का कुंभ अबतक हुए सभी आयोजनों से भव्य और विशाल हो। इसके लिए कई नई व्यवस्थाओं और विषयों का ध्यान रखा जा रहा हैं। आइए देखें 2019 कुंभ में क्या कुछ नया और खास होने जा रहा हैं।

हाल ही में यूनेस्को ने कुंभ को विश्व की सांस्कृतिक धरोहरों में शामिल किया गया हैं।इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार कुंभ की भव्यता को दर्शाने हेतु प्रयासरत दिख रही हैं।सरकार इस कुंभ की भव्यता को पूरी दुनिया मे दिखाने के लिए कई तैयारियां कर रही हैं। पूरे शहर को ‘ पेंट माय सिटी ‘ के तहत पौराणिक कथाओं से जुड़ीं स्मृतियों से रंग दिया गया हैं।

ऐसा बताया जा रहा हैं, कि इलाहाबाद में कुम्भ के दौरान अखाड़ों से जुड़े कई साधु-संत देहदान की घोषणा कर एक नई परंपरा की शुरुआत करेंगे। उन्होंने बताया संत अपना शरीर चिकित्सा विज्ञान के लिए दान करें, जिससे मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी शरीर क्रिया विज्ञान का अध्ययन करें और मानवता की सेवा करें।

कुंभ में शामिल होने के लिए शासन की ओर से देश के हर गांव को न्योता भेजा हैं । पत्र में अनुरोध किया जा हैं, कि वे सभी गांवों के लोगों को कुंभ में आने का यूपी का संदेश पहुंचाएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रण भेजें जा चुके हैं। महामहीम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी भी आ चुकें । चर्चा यहां तक हैं,कि कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी भी कुंभ में शिरकत करेंगे।

योगी सरकार कुंभ को राजनैतिक नज़रिए से भी देख रहीं हैं , सुरक्षा की दृष्टि स्नानार्थियों के लिए जल पुलिस जे साथ ही घाटों पर बेहतर इंतजाम किया है। साथ बड़े स्नान पर्वो पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसा कर उन्हें लुभाने का भी प्रयास कर रहीं है।

मेले को ऐतिहासिक बनाने के लिए तमाम बड़े बड़े धार्मिक व साँस्कृतिक आयोजन हो रहें हैं । जिनमे में से 30 जनवरी को ‘सर्वसमावेशी सांस्कृतिक कुंभ ‘ का विशेष आयोजन उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा किया गया हैं । जिसका उद्देश्य सभी धर्म सम्प्रदाय और पंथ से जुड़े चर्चित लोगो को अपनी बात रखने का अवसर दिया जाना हैं । इस आयोजन में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा को भी आमंत्रित किया गया हैं।

साल 2019 के कुंभ के लिए अबतक का सबसे बड़े पार्किंग स्थल बनाया जा रहा हैं। कुंभ में करीब 6 लाख वाहनों के लिए 1193 हेक्टेयर जमीन पर 120 पार्किंग स्थल की ब्यवस्था किये जाने की खबर हैं । जबकि 2013 के कुंभ मेले में 478 हेक्टेयर जमीन पर 99 पार्किंग स्थल बनाए गए थे।

कुंभ से पहले इलाहाबाद को देश के 14 शहरों से हवाई मार्ग से जोड़ दिया जाने की तैयारी पूरी हैं । इसके साथ ही कुंभ मेला मार्ग पर महापुरुषों के नाम पर कई गेट भी बनाए गए है।

कुंभ के महात्म्य, इसकी प्राचीनता, अध्यात्मिकता और इससे जुड़े चीजों की महत्ता बताने के लिए एक कुंभ गान तैयार किया गया है । गाने को सबसे पहले हिंदी में तैयार किया जा रहा हैं। इसके बाद इसका अनुवाद अन्य भाषाओं में करवाया जाएगा। कुंभ गान के जरिए एक गाने में कुंभ की महिमा का बखान किए जाने का प्रयास होगा। इसमें बॉलिवुड कलाकारों की भी मदद लिया जा रहा हैं।

यूपी सरकार ने संगम नगरी इलाहाबाद में अत्याधुनिक कुंभ संग्रहालय बनाने की कवायद शुरू कर दी हैं।इसकी लागत लगभग 300 करोड़ रुपये होने की संभावना हैं। इसमें इलाहाबाद की धार्मिक, ऐतिहासिक व अन्य जानकारियां डिजिटल स्क्रीन पर दिखाई जा रही हैं।

माघ मेले में इस बार पांच हजार शौचालय बनाए गए है । यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है। इसके अलावा करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की संभावना को देखते हुए मेला स्थल तक जाने वाले सभी रास्तों पर विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।

योगीराज में शुरू हो रहे कुंभ मेले में देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालु इस बार निर्मल गंगा जल में आस्था की डुबकी लगा सकेंगे। दावा हैं, कि नालों-सीवर व टेनरियों का गंदा पानी इस बार कतई गंगा में नहीं गिर रहा हैं ? शासन ने इसके लिए ख़ास जियो ट्यूब टेक्नालॉजी का इस्तेमाल किया हैं। जियो ट्यूब टेक्नालॉजी के ज़रिये गंदा पानी पूरी तरह ट्रीट होने के बाद ही गंगा में छोड़ा जा रहा हैं, गंगा में जाने वाले पानी की क्वालिटी का एंड्राइड एप के ज़रिये सेटेलाइट डिस्प्ले भी किया जा रहा हैं। देश में हाल ही में लांच हुई जिओ ट्यूब टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किसी भी कुंभ में पहली बार किया जा रहा हैं।

खास बात यह भी हैं, कि जूना अखाड़े से जुड़ा श्रीपंचदशनाम अखाड़ा नें सामाजिक व धार्मिक समरसता के लिए अनुसूचित जाति में जन्मे सन्त श्री श्री कन्हैया श्याम प्रभु नन्दगिरी महाराज को महामंडलेश्वर का पद देकर सनातन धर्म संस्कृति को मजबूत बनाने का संदेश दिया हैं।जिसे एक सामाजिक बदलाव के रूप में लिया जा रहा हैं।

इसके अलावा धर्म के अंदर भी लैंगिक भेदभाव को दूर करने के लिए कुम्भ में पहली बार प्रयाग में किन्नर अखाड़े ने भव्य पेशवाई की हैं ,जिसे अब जूना अखाड़े में शामिल कर लिया गया हैं।

कुल मिलाकर यह कहना होगा कि इस बार के अर्द्धकुंभ को कुंभ नाम देकर योगी सरकार ने पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुबिधा के लिए बड़ा इंतजाम किया हैं ।

प्रयागराज कुंभ से नेहा सिंह की रिपोर्ट
(नेहा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की छात्रा रहीं हैं, और स्वतंत्र पत्रकारिता में सक्रिय हैं ।)

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