आख़िरकार साउथ अफ़्रीका को साल 2018 में पूर्ण आज़ादी गोरों से मिल ही गई ! भारत देश के लोगों को कब मिलेगी यह आज़ादी ?

आज 1 मार्च 2018 को साउथ अफ़्रीका की पार्लियामेंट ने महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया है जिसे हम असली आज़ादी कह सकते है ।

साउथ अफ़्रीका के मूल निवासी वहाँ के काले लोग है जिनकी आबादी 90% तक है पर जैसे यहाँ हमारे देश में 15% लोगों ने इस देश पर क़ब्ज़ा कर रखा है वैसे ही। वहाँ के 10% गोरे लोगों ने बाक़ी मूल निवासीयों पर सैंकड़ों सालों से क़ब्ज़ा करके रखा था ।

1994 में नेलसन मंडेला अश्वेत नागरिक के राष्ट्रपति बनने पर इस आज़ादी की शुरुआत हुई । और आज दक्षिण अफ्रीका दरअसल अब आजाद हुआ है.

दक्षिण अफ्रीका की संसद ने ऐतिहासिक फैसला लिया है. वहां के गोरे किसानों की जमीन अब मूल निवासियों को दी जाएगी.

इस जमीन के बदले गोरे किसानों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा. ये जमीन कभी मूलनिवासियों की ही थी, जिसे गोरों ने बलपूर्वक छीन लिया था.

नस्लवादी शासन के अंत के बावजूद, दक्षिण अफ्रीका में 72% जमीन वहां के अल्पसंख्यक गोरे लोगों के पास है, जिनकी आबादी 8-10% है.

यह बिल विपक्षी दल इकॉनॉमिक फ्रीडम पार्टी के नेता जूलियस मालेमा लेकर आए था. सत्ताधारी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस ने इसका समर्थन किया.

यह बिल के समर्थन में 241 वोट पड़े. 83 वोट खिलाफ में आए. जो विरोध कर रहे हैं, वे भी गोरों की जमीन लेने के खिलाफ नहीं हैं. वे कह रहे हैं कि मुआवजा देना चाहिए.

क्या हमारे देश में ऐसा हो सकता है । इस देश में किन लोगों ने देश के संसाधनों और जामिनो पर क़ब्ज़ा कर रखा है ?

क्या यहाँ के सवर्ण ऐसी मानसिकता दिखा सकते है यहाँ के मूल निवासियों के लिए ऐसा कोई फ़ैसला संसद में पास हो सकता है जिससे समानता का अधिकार मिले ।

यहाँ के सवर्ण तो टोटलनौकरियो में सिर्फ़ 2% नौकरियों पर मिले आरक्षण पर भी छाती पिटते है कि देश बर्बाद हो रहा है ।

कोई बहुजन आगे बढ़ता दिख जाए तो सहन नहि होता ।

आज भी देश के 88 % संसाधनों पर सिर्फ़ 10% लोगों ने क़ब्ज़ा रखा है और किसी भी हालत में समानता के लिए तैयार नहि है ।

यहाँ तो दोहरी परेशानी है एक ही धर्म का होने के बावजूद जातिगत असमानता और आर्थिक असमानता तो जन्मजात है ही ।

जब तक यहाँ के सवर्ण अपनी मानसिकता बदलेंगे नहि इस भारत देश को असली आज़ादी नहि मिलेगी । और जब आज़ादी नहि मिलेगी तो इसका ख़ामियाज़ा सबको भुगतना पड़ेगा । पूरे देश को भुगतना पड़ेगा ।

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s