एक यवन राजा था। उसका नाम अगाथोक्लिस था। वह तक्षशिला क्षेत्र में शासन करता था। उसका शासन – काल 190-180 ई. पू. में था। उसने वासुदेव कृष्ण के सिक्के चलाए।
आप सिक्के को गौर से देखिए। सिक्के पर वासुदेव कृष्ण की तसवीर है। वासुदेव कृष्ण के हाथों में धम्म चक्र है। धम्म चक्र में आठ आरे हैं।
आप निष्कर्ष दे सकते हैं कि वासुदेव कृष्ण के हाथों में जो सुदर्शन चक्र है, वह धम्म चक्र है। मतलब कि सुदर्शन चक्र वास्तव में धम्म चक्र का रूपांतरण है।
ऐसे भी सुदर्शन चक्र का मतलब हुआ – सु + दर्शन चक्र अर्थात अच्छे दर्शन का चक्र। जाहिर है कि वह अच्छे दर्शन का चक्र तो धम्म चक्र ही है।
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ से चलकर मुंबई को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले माननीय राजेश पासी एक काबिल फाइनैंसियल एनालिस्ट है जो पिछले कई वर्षो से अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रिय कंपनीयों में अपनी सेवाएं दे रहे है।बुद्ध और अम्बेडकर के अनुसरणी श्री पासी एक कुशल संघठनकर्ता और सामाजिक कार्यकर्त्ता के साथ साथ एक काबिल लेखक है ।जिन्हें लिखने की प्रेरणा अपने काबिल पिता श्री रामनारायण पासी जी से मिली जिन्होंने 1990 के दशक में विनय प्रभाकर , अर्जुन पंडित जैसे प्रसिद्ध नामों से कई उपन्यास लिखे थे । विनय प्रभाकर के मेजर नाना पाटेकर सीरीज के सारे उपन्यास श्री रामनारायण पासी जी ने ही लिखे थे ।उन्ही के सानिध्य में रहकर राजेश पासी जी ने लिखना सीखा ।फ़िलहाल बतौर लेखक आपकी सक्रियता ऑनलाइन ब्लॉग ,वेबसाइट और सोशल मीडिया पर है । इन पर प्रकाशित सामाजिक न्याय ,जागरूकता , शिक्षा , लिंगभेद, जातीय असमानता जैसे विषयों पर आपकी टिप्पड़ियाँ महीनों शेयर होती रहती है ।
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कांता चक्र
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