श्राद्ध का महीना चल रहा है ,आजकल कौवो की बहुत मौज है तरह तरह के पकवान खाने को मिल रहे है । कल सुबहसुबह मोर्निंगवॉक के समय हमने देखा की काफ़ी पकवान पड़े हुए थे और कौवे खाकर आराम कर रहे है । कौवे कम थे और खाना बहुत ज़्यादा । मैं और वाइफ़ हम दोनो इस अंधविश्वास पर चर्चा कर रहे थे की कुछ दीनो बाद कौवे इतने कम हो जाएँगे की कुछ लोग कौवा पालेंगे और श्राद्ध के समय वह पैसा लेकर कौवो को खाना खिलाएँगे ।
हमें यह नहि पता था की यह इतनी जल्दी हक़ीक़त हो जाएगी । इस विडीओ में एक इंसान अपने कौवे से सबको खाना खिला रहा है और बदले में सबसे पैसे ले रहा है । और सबने बक़ायदा लाइन लगा रखी है की पहले मेरा खाना खिलायें और पैसे भी दे रहे है ।
यह है अंध श्रद्धा की पराकाष्ठा । आज भी हमारे देश में ऐसा होता है । लोग कौवो को खिलाकर अपने पूर्वजों के पेट में जाने की आशा करते है । हज़ारों सालों की ऐसी मान्यताओ को आज भी लोग मानते है …और सबसे आश्चर्य की पढ़े लिखे लोग भी कौवो को खाना खिलाने के लिए लाइन में खड़े रहते है । आस्था और परंपरा के नाम पर ऐसे अंधविश्वास को बढ़ावा यही पढ़े लिखे लोग देते है । और ऐसीपरम्परा को बढ़ावा देने वालों को उनके अपने बच्चे ही आउटडेटेड और अनपढ़ क़रार देंगे । इसलिए सावधान रहिए ।