अशोक चौधरी का कार्यकाल बिहार कांग्रेस के लिए स्वर्ण काल — बंटी चौधरी

● बंटी चौधरी ने कांग्रेस के भीतर चल रहे संगठन के फेर बदल पर बेबाकी से रखी अपनी बात

प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए अशोक चौधरी जी ने जो किया उसे बिहार कांग्रेस में स्वर्ण काल कहा जायेगा । जिस तरह से उन्होंने बिहार कांग्रेस को अपनी लग्न मेहनत तन मन धन से पार्टी को बिहार में खड़ा करने का काम किया ।संग़ठन में नए युवाओ को जगहा दिया। टिकट में युवाओ को मौका दिया । ये उनका दूरदर्शी सोच का परिणाम हैं कि आम कार्यकर्ता को संगठन में और बिना किसी स्वार्थ के पार्टी का टिकट मिला ,पार्टी को खड़ा करने को लेके 365 km पद यात्रा ईमानदारी पूर्वक किया।

उन्होंने पार्टी को मजबूत करने का हर सम्भव प्रयास करते रहे उसी कारण आज हम 4mla/2mlc से 27mla/6mlc है, और बिहार में कांग्रेस को सत्ता में लाने में सफल हुए,सदाक़त आश्रम को चमका दिए।

आज कुछ लोगो उनके हटने का इंतज़ार कर रहे हैं, social media में उनके प्रति तरह तरह की बाते कर रहे हैं । ये वो लोग है जो जानते है अब तो अध्यक्ष बदलेगा तो इतना विरोध करो कि नए अध्यक्ष का हम चम्मच बन सके । लोग कहे ये भी अशोक चौधरी का विरोधी हैं इसे भी सम्मान मिलना चाहिए।

कोई जिंदगी भर के लिए अध्यक्ष नही बनता ये लोग 3 साल वर्तमान अध्यक्ष के साथ मजा ले लिए अब नए अध्यक्ष को कुछ साल चम्मचागिरि करेगे,फिर निजि स्वार्थ नही पूरा होगा तो विरोध शुरू करदेंगे।

यही होता आया है ,कांग्रेस को कुछ कोंग्रेसी ही कमज़ोर कर रहे हैं , पार्टी कैसे मजबूत होगी ये कोई नही सोचता। पद, टिकट सब को चाहिए पर मेहनत कोई नही पार्टी के लिए करना चाहते हैं। कांग्रेस में कोई कार्यकर्ता नही बनना चाहता है सब अपने आप को नेता समझते हैं। कांग्रेस को हराने के लिए विपक्षियो की कोई जरूत नही होता कांग्रेसी काफी है कांग्रसी को हराने के लिए।

इसलिये लोगों को आदत हो गई हैं विरोध करो मजा लो पार्टी के बारे में कोई सोचता ही नहीं यही कारण हैं पार्टी को बिहार में हमेशा वैशाखी के सहारे चलने को मजबूर होना पड़ता हैं, मेरा नम्रता पूर्वक आग्रह है किसी के व्यक्तित्व का आकलन उसके कार्यो से करे न कि निजी कारणों से ।

लेखक – बिहार विधानसभा के सदस्य है

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