एक थे नक्षत्र मालाकार! नक्षत्र मालाकार अंग्रेजी और देशी राज की फाइलों में ” ए नोटोरियस कम्युनिस्ट डकैत ” तथा ” राबिनहुड ” के नाम से विख्यात थे। गुलाम भारत में वे अंग्रेजों तथा जमींदारों के खिलाफ लड़े थे और आजाद भारत में सिर्फ जमींदारों के खिलाफ लड़े।
इनका जन्म बिहार के पूर्णिया जिले में 1909 ई. में हुआ था। अनूपलाल मंडल ने अपने उपन्यास ” तूफान और तिनके ” में क्रांतिकारी नक्षत्र मालाकार को गहरे में रेखांकित किया है।
फणीश्वरनाथ रेणु के ” मैला आँचल ” का चलित्तर कर्मकार वास्तव में नक्षत्र मालाकार ही हैं, जिन्हें रेणु ने छद्म रूप से उकेरा है। नक्षत्र मालाकार गुलाम भारत में भी जेल गए और आजादी के बाद भी उन्होंने 18 साल जेल में काटे। जो नक्षत्र मालाकार ब्रिटिश हुकूमत में कभी नहीं झूके, वे आजाद भारत के जेल में सड़ते- सड़ते टूट गए।
आखिरकार 18 सितंबर 1987 को एक छोटी – सी झोंपड़ी में पत्नी रमणी मालाकार की गोद में सिर रख वे इस दुनिया से कूच कर गए। अलविदा नक्षत्र मालाकार…..प्रो0 राजेन्द्र प्रसाद सिंह