एक 6 th क्लास के बच्चे का आरक्षण के बारे में मार्मिक सवाल ?


स्कूल से 

एक 6’th क्लास का बच्चा

 अपने घर आकर 

अपनी माँ से पूछता है :- “माँ ये SC और ST क्या हैं ?”
माँ :- बेटा, 

ये तुम्हे क्यों जानना है ?
बच्चा :- माँ आज सर हमसे पूछ रहे थे

की कौन-कौन SC ST का हैं
माँ :- बेटा उन्होंने ऐसा क्यों पूछा, 

उन्होंने नहीं बताया क्या ?

बच्चा
:- बताया पर सिर्फ इतना कि, 

जो जो SC ST के हैं 

उन्हें पैसे मिलेंगे, 

पर माँ ये क्या होता हैं?

माँ
:- बेटा 

हमारे धर्म में 4 जातियाँ बनाई थी जिसमें एक जाती दूसरे केऊपर थी पर सविधान में उसका विरोध कर 

4 कास्ट बनायीं है —

SC, ST, Obc और General ताकि देश में समानता आए इसलिए 

सरकार गरीब और पिछड़े हुए लोगो को मदद करने के लिए सुविधा दी हैं।

बच्चा
-: पर माँ सिर्फ उन्हें ही क्यों मिलती हैं ये सुविधा गरीब के लिए हैं तोहम भी गरीब है न तो हमको क्यों नहीं मिलेंगे पैसे?

माँ
:- बेटा ये पैसे ग़रीबी की वजह से नहि मिलते यह ग़रीबी उन्मूलन के लिए नहि है । उसके लिए तो सविधान में बहुत सी सुविधा है मनरेगा , नरेगा , आवास योजना , सस्ते में गेहूँ -चावल , कई तरह की पेन्शन बहुत कुछ है जो सिर्फ़ ग़रीबो के लिए है और सभी ग़रीबों के लिए है चाहे SC हो या जेनरल ।इसके अलावा कुछ सहयोग किताबों के लिए मिलता है । 

बेटा
:- पर माँ सविधान के बारे में कहा था की सबको एक जैसा हक़ है तो फिर ये क्यों ?

माँ
:- बेटा ये सब राजनीति का गन्दा खेल हैं हमारे देश में धर्म और जाति के नाम पर लोग एक सामान नही हैं। यह समानता संविधान के ज़रिए लाने की कोशिश की है । आरक्षण इस देश में समानता लाने की एक महत्वपूर्ण कड़ी है ।

बेटा
:- पर माँ हम क्या हैं,..? जिससे हम को पैसे नहीं मिलेगे

माँ
:- बेटा हम ग़रीब ज़रूर है पर उन ग़रीब और हम ग़रीबों में बहुत फ़र्क़ है । तेरे मामा IAS है , तेरे नाना बड़े सरकारी अफ़सर है , हमारे पड़ोस के काका की पहुँच सरकार तक है अगर हमें ज़रूरत पड़ी तो मदद के लिए कई हाथ आ जाएँगे ..वैसे भी हम जिस जाती से है उस जाती को दान देना इस देश के लोग गर्व समझते है और घर बुलाकर दान देते है पर उन्हें सच में मदद के लिए कोई नहि होता क्योंकि इस देश के संसाधनों पर हमारे लोगों का ही क़ब्ज़ा है।हम लोग ख़ुशनसीब है बेटापूरे विश्व में कही पर इस तरह का नियम नहीं है बस हमारे भारत में है ।

बेटा
:- माँ क्या आगे भी मुझे इसी तरह की दिक्कत होगी ? पढ़ाई में नौकरी में ? 

माँ :
– नहि बेटा, ऐसा नहि होगा क्योंकि आगे आने वाले समय में इस देश के संसाधनो में सभी की बराबर भागीदारी रहेगी । यह आरक्षण ही देश में समता ला सकता है हम लोगों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी को बेहतर कल मिल सके ।जब जातियों का महत्व ख़त्म हो जाएगा तो यह आरक्षण अपने आप ही ख़त्म हो जाएगा ।क्योंकि जबजातियाँ ही नहि रहेंगीं तो आरक्षण भी ख़त्म हो जाएगा ।

बेटा :- माँ तो क्या अभी हमारी मदद कोई नहीं करेगा,..?काश में भारत छोड़ कही और पैदा हुआ होता

माँ
:- ऐसा नहीं बोलते बेटाइस धरती को और इस धरती के लोगों का हमारे लोगों ने बहुत ख़ून चूसा है , इस धरती के संसधनो का धर्म के नाम पर हज़ारों साल से क़ब्ज़ा बना कर रखा है , धर्म के नाम पर गुमराह कर इस देश के लोगोंपर राज किया । मेहनत उन्होंने की और खाया हमारे लोगों ने . हमारे लोगों ने देश के योगदान के लिए कुछ नहि है । हमारे पूर्वजों के पाप का क़र्ज़ तो चुकाना ही पड़ेगा । और बदले में इन्होंने लिया ही क्या ८५% जनता को सिर्फ़ ३०% वह भी संविधान के दायरे में रहकर यह उनकी महानता है बेटा।तुम्हे गर्व होना चाहिए की तुम एक भारतीय हो, न की एक ख़ास जाती । 

बेटा
:- माँ मेरा दोस्त बोलता हैं की पैसे मिलेगे तो पार्टी करेगे, माँ हमें एक रोज की रोटी बड़ी मुश्किल से मिलती हैं और मेरे दोस्त पार्टी करेगे, माँ में नहीं जाउगा स्कूल कल से ।

माँ
:- नहीं बेटा, यह झूठ बताया जाता है पैसे उन्हें किताबों के लिए मिलते है । और उसमें से भी 25% मास्टर जी और अधिकारी काट लेते है । जो बचता है उसमें से भी आधा से ज़्यादा घर के ज़रूरि चीज़ों में ख़त्म हो जाता है। कितब के लिए भी पैसे नहि बचते ..पार्टी क्या करेंगे ।

बेटा
:- माँ में खूब पढूंगा परहमारे पास इतने पैसे नहीं हैं की आगे पढ़ सकूँ

माँ
:- तू चिंता न कर, हमारे लोगों ने इतनेबड़े बड़े संगठन बनाए है और हमारे लोग जो सरकारों में बैठे है वह कब काम आएँगे। स्कूल से लेकर नौकरी तक सभी में तुझे प्राथमिकता मिलेगी उन्हें तो केवल ३०% मिलेहै और हमें १५% हो कर भी ७०% मिले है तू चिंता न कर ।

बेटा
: माँ कुछ लोग कहते है की हमारे लोग 80% पाने के बाद भी नौकरी नहि मिलती और उन्हें 40% मिलने पर डॉक्टर और अफ़सर बन जाता है ।

माँ:
बेटा यह सब केवल गुमराह करने की बातें है केवल आरक्षण का विरोध करने के लिए । अब हालात तो यह है कि यह आरक्षण वाले पढ़ने में बहुत तेज़ होते जा रहे है जिससे जनरल में भी उनकी ही सीटें आती है और आरक्षण में भी । अब इसका भी हल खोज लियागया है अब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे दिया है..अब अगर आरक्षण वाला 98% आएगा तो हो सकता है उसे जॉब न मिले पर तुझे जॉब मिल जाएगा भले ही 80% ही नम्बर रहे । क्योंकि उसे सिर्फ़ आरक्षण कोटे में ही नौकरी मिलेगी भले ही कितना भी नम्बर ले आए । यह बातें तो केवल विरोध के लिए फैलाई जाती है । अब डॉक्टर बनने के लिए सिर्फ़ एंट्रन्स में आरक्षण मिलता है पर बाद में तो वही पढ़ाई और उतने ही नम्बर लाने पड़ते है । पर लोगों के समझ में नहि आता और मज़े की बात तो यह है की इसके चक्कर में कुछ पढ़े लिखे आरक्षित वर्ग के लोग भी आरक्षण का विरोध करने लगते है । 

ये सन्देश हमारे राजनेताओ तक पहुचे और वो समझे की आरक्षण कोई ग़रीबी हटाओ उन्मूलनकार्यक्रम नहि है 

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आपकी पहल 

शायद किसी प्रतिभाशाली व्यक्ति को आरक्षण का महत्व समझा दे 

 

आरक्षण बचाओ ,

देश बचाओ…
Ek pahal naye bharat ki or 

       🙏🏻jai Bharat🙏🏻

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