कुछ समय पहले तक मेरे दाहिने पैर में एक काला धागा बंधा हुआ था। जब से होश संभाला था, धागा बदलता जरूर रहा पर हटा कभी नहीं। कोई अगर पूछता तो मैं बड़ी सहजता से कह देती कि मैं इसे पहनती हूँ क्योंकि ये मेरे परिवार से जुड़ी एक तरह की पहचान है और इसे मेरे परिवार के सभी लोग […]
Published by Rajesh Pasi
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ से चलकर मुंबई को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले माननीय राजेश पासी एक काबिल फाइनैंसियल एनालिस्ट है जो पिछले कई वर्षो से अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रिय कंपनीयों में अपनी सेवाएं दे रहे है।बुद्ध और अम्बेडकर के अनुसरणी श्री पासी एक कुशल संघठनकर्ता और सामाजिक कार्यकर्त्ता के साथ साथ एक काबिल लेखक है ।जिन्हें लिखने की प्रेरणा अपने काबिल पिता श्री रामनारायण पासी जी से मिली जिन्होंने 1990 के दशक में विनय प्रभाकर , अर्जुन पंडित जैसे प्रसिद्ध नामों से कई उपन्यास लिखे थे । विनय प्रभाकर के मेजर नाना पाटेकर सीरीज के सारे उपन्यास श्री रामनारायण पासी जी ने ही लिखे थे ।उन्ही के सानिध्य में रहकर राजेश पासी जी ने लिखना सीखा ।फ़िलहाल बतौर लेखक आपकी सक्रियता ऑनलाइन ब्लॉग ,वेबसाइट और सोशल मीडिया पर है । इन पर प्रकाशित सामाजिक न्याय ,जागरूकता , शिक्षा , लिंगभेद, जातीय असमानता जैसे विषयों पर आपकी टिप्पड़ियाँ महीनों शेयर होती रहती है । View all posts by Rajesh Pasi