आख़िर सारे प्रश्न और डाउट क्लीयर हो गए ….
16 June 2017 को टाइम्स और प्रतिष्ठित अख़बार THE HINDU में छपी ख़बर से सन्नाटा पसरा है ।
हालाँकि यह सदियों से माना जाता रहा है की आर्य विदेशी है जो बाहर से आए है । नेहरु और लोकमान्य जैसे लोगों ने अपनी किताबों में इसे सही साबित करने की कोशिश की थी । पर उसे ग़लत साबित करने की कोशिश हमेशा रही है
साल 2001 में DNA रिपोर्ट के आधार पर फिर यह बताया गया की आर्य यानी भारत की सभी अग्रणी जातियों के DNA यूरेशिया से मिलते है । इस रिपोर्ट ने काफ़ी हाहा कार मचाया । पर फिर से इस रिपोर्ट में कुछ कमियाँ निकाली गई कुछ डाउट्स निकाले गए । और फिर इस तथ्य को विवादों में ढकेल दिया गया कुछ लोगों ने यहाँ तक कहा की हो सकता है आर्य यहाँ के हों और यहाँ से यूरेशिया गए हो । हालाँकिइस थेओरी में दम नहि था क्योंकि जो जहाँ मूल निवासी रहता है वहाँ उसकी जनसंख्या ज़्यादा रहती है । पर बहस तो छेड़ ही दी गई थी रिपोर्ट पर सवाल उठा हो दिया गया था ।
पर अब इस नई रीसर्च ने सारे विवाद ख़त्म कर दिए है दुनिया के मशहूर अख़बार बिजीनेस वर्ड के हवाले से the hindu ने भी इस रिपोर्ट के अंश छापे है ।
रीसर्च की एक टीम ने हज़ारों लोगों और कई साल की खोज के बाद यह रिपोर्ट जारी की है ।
इस रिपोर्ट I बाद सारे दावे और बहस ख़त्म हो गई है यह रीसर्च Y करोमोजेंन की लेटेस्ट तकनिक पर थी । इसने यह प्रूफ़ कर दिया की आर्य यूरेशिया से ही आए थे लोकमान्य तिलक ने भी भाषा विज्ञान के ज़रिए उन्हें यूरोप का साबित करने की कोशिश की थी ।
इस रिपोर्ट ने यह भी साबित कर दिया की आर्य सिर्फ़ पुरुष ही आए थे महिलायें नहि आयी थी । और शायद यही कारण है की इन लोगों ने महिलाओं को दोयम दर्जे का और शद्रो और पशुओं के समक्ष समझते थे ।
हालाँकि इन सबके पहले महान ज्ञानी ब्राह्मण से बौधिश्ट बने राहुल साँकरत्यान ने अपनी पुस्तक वाल्गा टू गंगा में पूरा इतिहास ही बता दिया था कि कैसे वाल्गा के किनारे से गंगा के किनारे तक पहुँचे थे । ( बहुत महत्वपूर्ण पुस्तक है सभी को पढ़नी चाहिए सारे डाउट किलियर हो जाते है )
यह रिपोर्ट इंग्लिश में है गूगल भी बारबर ट्रान्स्लेट नहि कर रहा है ख़ुद ही मैन्यूली अनुवाद करूँगा। पूरी रिपोर्ट की कापी भी जो १८ पेज की है मेरे पास है किसी को चाहिए तो शेयर कर सकता हु ।
धन्यवाद